कैसे सुगम हो जीवन पथ!
जन्म के साथ शुरू जीवन यात्रा में माता पिता का आशीष और गुरु का संबल सबसे बड़ा सहायक होता हैं, मेरा जीवन भी इस त्रयी के सहारे सजता संवरता चला गया, पुस्तक की कविताएं जीवन पथ को दर्शाती, मानव होने के मूल कारक का बोध देती पथ के अंतिम लक्ष्य का ज्ञान कराती हैं और गुरु के सहारे इसको पाने का मार्गदर्शन करती हैं।
पथ पर आगे बढ़े चलो तुम, नई सृजना गढ़े चलो तुम। सार धरा पर जीने का प्रेम मार्ग को पकड़ो भाई जीवन कम न अकड़ों भाई।
अकड़ की जकड़ से मुक्त प्रेममय जीवन पथ हों, परमगुरु से यहीं विनय हैं।
जन्म के साथ शुरू जीवन यात्रा में माता पिता का आशीष और गुरु का संबल सबसे बड़ा सहायक होता हैं, मेरा जीवन भी इस त्रयी के सहारे सजता संवरता चला गया, पुस्तक की कविताएं जीवन पथ को दर्शाती, मानव होने के मूल कारक का बोध देती पथ के अंतिम लक्ष्य का ज्ञान कराती हैं और गुरु के सहारे इसको पाने का मार्गदर्शन करती हैं।
पथ पर आगे बढ़े चलो तुम, नई सृजना गढ़े चलो तुम। सार धरा पर जीने का प्रेम मार्ग को पकड़ो भाई जीवन कम न अकड़ों भाई।
अकड़ की जकड़ से मुक्त प्रेममय जीवन पथ हों, परमगुरु से यहीं विनय हैं।
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