मैंने अपने नाम के अनुरूप मन के भावों को किताब के माध्यम से एक सूत्र में पिरोने का प्रयास किया है। इसमें आपकों प्रकृति, सामाजिक मुद्दों, जीवन-मरण आदि के भाव मिलेंगे। प्रत्येक कविता में नये विचार सरल भाषा में प्रस्तुत किये गए हैं। कविताओं को पढ़ने के बाद आपके विचार मेरे लिए अमूल्य होंगे। आपके स्नेह की आकांक्षा में आपका- मनमोहन लाल गुप्ता अंजुम
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