35,99 €
inkl. MwSt.
Versandkostenfrei*
Versandfertig in über 4 Wochen
payback
18 °P sammeln
  • Gebundenes Buch

'जीने का नाम जिंदगी' उनके लिए एक जरूरी किताब मात्र ही नहीं है, बल्कि एक ऐसी पगडंडी है, जिस पर चलकर और अपने हृदय में उन मानवीय गुणों को आत्मसात् कर वे स्वयं एक बेहतर मनुष्य ही नहीं बनेंगे, बल्कि मनुष्यता की परिभाषा को भी अपने जीवन में जी सकेंगे, जिसका बहुत बड़ा दायित्व उनके ऊपर है। यह कहने में संकोच नहीं कि सरलता से बुनी गई अपनी कहानियों के माध्यम से 'निशंक' जी के भीतर का सृजनकर्ता अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता को जिस तरह से अपनी रचनाओं में अंकित कर लोगों के भीतर दर्द पैदा करता है, वह आसान काम नहीं है; क्योंकि आसान काम ही बहुत मुश्किल होता है। मैं उनकी कुछ कहानियों से बहुत प्रभावित हुई हूँ, जिनका…mehr

Produktbeschreibung
'जीने का नाम जिंदगी' उनके लिए एक जरूरी किताब मात्र ही नहीं है, बल्कि एक ऐसी पगडंडी है, जिस पर चलकर और अपने हृदय में उन मानवीय गुणों को आत्मसात् कर वे स्वयं एक बेहतर मनुष्य ही नहीं बनेंगे, बल्कि मनुष्यता की परिभाषा को भी अपने जीवन में जी सकेंगे, जिसका बहुत बड़ा दायित्व उनके ऊपर है। यह कहने में संकोच नहीं कि सरलता से बुनी गई अपनी कहानियों के माध्यम से 'निशंक' जी के भीतर का सृजनकर्ता अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता को जिस तरह से अपनी रचनाओं में अंकित कर लोगों के भीतर दर्द पैदा करता है, वह आसान काम नहीं है; क्योंकि आसान काम ही बहुत मुश्किल होता है। मैं उनकी कुछ कहानियों से बहुत प्रभावित हुई हूँ, जिनका प्रभाव मेरे भीतर को बहुत कुछ सौंप गया है और जो मेरे मर्म में गहरी धँसी कील-सा धँस गया है। इसकी पीड़ा से मैं अब तक मुक्त नहीं हो पाई हूँ। -चित्रा मुद्गल