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About the Book: तीन दोस्तों की कहानी बचपन से आरंभ होकर बुढ़ापे पर खत्म होती है। बचपन की शरारतों से शुरू होकर पढ़ाई के दौर से गुज़रती हुई तीनों दोस्तों की कथा गुरूकुल का निर्माण कर समाज कल्याण के लिए श्रेष्ठ मानव की रचना का सपना पूर्ण करती है। नेपथ्य में मुख्य पात्र के पिता का जीवन चित्रण किया गया है। अन्य पात्रों में फूफाजी और बुआजी के निस्वार्थ व्यवहार द्वारा संयुक्त परिवार प्रथा को दर्शाया गया है। तीनों में एक मित्र बहुत ही बुद्धिमान है। वह किशोर अवस्था में ही कई पुस्तकें और ग्रंथ पढ़कर श्रेष्ठ जीवन का मार्ग तय कर लेता है। विदेश में रहते हुए उसने गुरूकुल देखा और समझा। उसके स्वदेश लौटने से पहले गुरूकुल का निर्माण तीसरा मित्र कर चुका होता है।…mehr

Produktbeschreibung
About the Book: तीन दोस्तों की कहानी बचपन से आरंभ होकर बुढ़ापे पर खत्म होती है। बचपन की शरारतों से शुरू होकर पढ़ाई के दौर से गुज़रती हुई तीनों दोस्तों की कथा गुरूकुल का निर्माण कर समाज कल्याण के लिए श्रेष्ठ मानव की रचना का सपना पूर्ण करती है। नेपथ्य में मुख्य पात्र के पिता का जीवन चित्रण किया गया है। अन्य पात्रों में फूफाजी और बुआजी के निस्वार्थ व्यवहार द्वारा संयुक्त परिवार प्रथा को दर्शाया गया है। तीनों में एक मित्र बहुत ही बुद्धिमान है। वह किशोर अवस्था में ही कई पुस्तकें और ग्रंथ पढ़कर श्रेष्ठ जीवन का मार्ग तय कर लेता है। विदेश में रहते हुए उसने गुरूकुल देखा और समझा। उसके स्वदेश लौटने से पहले गुरूकुल का निर्माण तीसरा मित्र कर चुका होता है।
Autorenporträt
About the Author: जन्म 5 जनवरी 1952, बचपन मध्यप्रदेश के कस्बों और शहरों में खेल कूद करते हुए मस्ती में बीता। विज्ञान विषय से स्नातक होने के बाद ख्यात इंजीनियरिंग उद्योगों में चालीस साल सेवा की। सेवाकाल के दौरान ही इंटरनेशनल मार्केटिंग में डिप्लोमा हासिल किया। चित्रकारी, अभिनय और गायन में रूचि होने के साथ साथ कुछ कविताएं भी अन्तराल में लिखी। जीवन की आपाधापी से मुक्त हुए तो समय मिला, सोचा समाज के लिए कुछ लिखू और अंतर्मन में एक कहानी का जन्म हुआ। पात्र रचे, कलम उठाई और पन्नों पर कहानी उतार दी। वर्तमान में एस एम एस कार्बन एंड मिनरल्स प्रायवेट लिमिटेड कंपनी में निदेशक मंडल में कार्यरत।