
Rousseau ki Aatmakatha Bhag 2 (MP3-Download)
Ungekürzte Lesung. 1005 Min.
Sprecher: Kochar, Babla
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अठारहवीं सदी के महान चिंतक, लेखक और दार्शनिक ज्यां-जाक रूसो की आत्मकथा न केवल दुनिया की सबसे पहली प्रामाणिक आत्मकथा है, बल्कि सबसे ज़्यादा बेबाक और चौंकाने वाली भी. मनुष्यों की असाधारण समझ, उनके दिलों में झांकने की असाधारण क्षमता ...
अठारहवीं सदी के महान चिंतक, लेखक और दार्शनिक ज्यां-जाक रूसो की आत्मकथा न केवल दुनिया की सबसे पहली प्रामाणिक आत्मकथा है, बल्कि सबसे ज़्यादा बेबाक और चौंकाने वाली भी. मनुष्यों की असाधारण समझ, उनके दिलों में झांकने की असाधारण क्षमता - और इसके साथ ही भाषा पर एक अनूठी और अद्वितीय पकड़ - इसे एक अनुपम कृति बना देते हैं. दो भागों में प्रकाशित आत्मकथा के पहले भाग में बिन मां का बच्चा ज्यां-जाक एक असामान्य बचपन, और फिर उतनी ही असामान्य युवावस्था में से गुज़रता हुआ कई असाधारण स्थितियों और स्त्रियों के संपर्क में आता है - जीवन और उसकी अनंत संभावनाओं को बड़े कौतूहल से टटोलता हुआ-सा! आत्मकथा का पहला भाग जहां रूसो की भावनाओं और व्यक्तित्व के विकास को समर्पित है, वहीं दूसरा भाग उसके सृजनात्मक और वैचारिक विकास को; संभ्रांत महिलाओं और ऊंचे साहित्यकारों-कलाकारों की दुनिया से जुड़े प्रलोभनों और ख़तरों को; और उन षड्यंत्रों को भी, जिन्होंने इस महान लेखक को अपना देश त्यागने और राजनीतिक शरण की तलाश में देश-दर-देश भटकने पर विवश कर दिया. रूसो की आत्मकथा ज़िंदगी को एक ऊंचाई से - एक ऊंची नैतिक-शक्ति के साथ - देखने की प्रेरणा देती है। ©Samvad Prakashan
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