
Rekhte ke Ustad : Mir Taqi mir (MP3-Download)
Ungekürzte Lesung. 30 Min.
Sprecher: Shukla, Abhishek
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क्या कहूँ तुम से मैं कि क्या है इश्क़ जान का रोग है बला है इश्क़ मीर की उम्र कोई 11-12 बरस की रही होगी जब उनके पिता का देहांत हो गया। बड़ी मुश्किल से दफ़ीने का सामान इकठ्ठा हुआ। चूँकि वालिद एक सूफ़ी फ़क़ीर थे और सूफ़िज़्म में इश्क़ बुनियादी हैसि...
क्या कहूँ तुम से मैं कि क्या है इश्क़ जान का रोग है बला है इश्क़ मीर की उम्र कोई 11-12 बरस की रही होगी जब उनके पिता का देहांत हो गया। बड़ी मुश्किल से दफ़ीने का सामान इकठ्ठा हुआ। चूँकि वालिद एक सूफ़ी फ़क़ीर थे और सूफ़िज़्म में इश्क़ बुनियादी हैसियत रखता है इसलिए इश्क़ मीर की ज़िन्दगी का पहला सबक़ था; जो उन्हें अपने पिता से ही हासिल हुआ। आने वाले वक़्तों में इश्क़ का ये फ़लसफ़ा मीर की ज़िन्दगी और शख़्सियत का ख़मीर बनने वाला था। Written by Mohd Aqib
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