
Gonu Jha Ki Anokhi Duniya (MP3-Download)
Ungekürzte Lesung. 566 Min.
Sprecher: Verma, Anamaya
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मिथिलांचल मखाना में गोनू झा के किस्से उसी तरह प्रचलित हैं जैसे मछली और मखाना! कहते हैं कि बिना मछली और मखाना के मिथिलांचल में कोई शुभ कार्य नहीं होता और बिना गोनू झा के किस्सों के कोई जलसा सम्पन्न नहीं होता। मिथिलांचल में पाँच सौ स...
मिथिलांचल मखाना में गोनू झा के किस्से उसी तरह प्रचलित हैं जैसे मछली और मखाना! कहते हैं कि बिना मछली और मखाना के मिथिलांचल में कोई शुभ कार्य नहीं होता और बिना गोनू झा के किस्सों के कोई जलसा सम्पन्न नहीं होता। मिथिलांचल में पाँच सौ साल पहले अज्ञान भी था और अभाव भी। चोरी, ठगी आदि के किस्सों से इस बात का अन्दाज सहज ही लग जाता है। साधु- महात्माओं के किस्से भी गोनू झा के किस्सों के साथ- साथ चलते हैं। गोनू झा के प्रचलित किस्सों से पता चलता है कि मिथिलांचल के तत्कालीन समाज में अन्धविश्वासों का व्यापक प्रभाव था। जादू, टोना-टोटका आदि के सहारे लोग अपनी शक्ति और सामर्थ्य बढ़ाने का प्रयास करते थे। कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि गोनू झा के जीवनकाल की घटनाओं के साथ ही विभिन्न काल खंडों में गोनू झा के किस्सों में नए किस्से भी जुड़ते गए हैं जिसके कारण पाँच शताब्दियों के बाद भी गोनू झा के किस्से नयापन लिए हमारे सामने आ रहे हैं। आते ही जा रहे हैं। ये किस्से रोचक हैं। मनोरंजक हैं और ज्ञानवर्द्धक भी। लगन, मेहनत, धैर्य, वाक्पटुता अवसर की समझ जैसे कई गुण इन किस्सों में पिरोए गए हैं, जो अनजाने ही पाठकों के मन में घर कर जाते हैं।