
लहरों की गोद में (eBook, ePUB)
डूबता कभी, कभी तरता, इन थपेड़ों को अपनी बाँहों में भरता
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जहाँ विज्ञान कविता से मिलता है, जहाँ मन खुलता है और धीरे-धीरे ठीक होता है। एक रेज़िडेंट मनोरोग विशेषज्ञ की नज़र से, यह किताब मानसिक बीमारी के अवास्तविक, दिल तोड़ देने वाले और विस्मयकारी क्षणों को समेटे हुए है। हर कविता उन्माद (मैनि...
जहाँ विज्ञान कविता से मिलता है, जहाँ मन खुलता है और धीरे-धीरे ठीक होता है।
एक रेज़िडेंट मनोरोग विशेषज्ञ की नज़र से, यह किताब मानसिक बीमारी के अवास्तविक, दिल तोड़ देने वाले और विस्मयकारी क्षणों को समेटे हुए है।
हर कविता उन्माद (मैनिया), सिज़ोफ्रेनिया, नशे की लत, आत्मविमुखता और शांतिपूर्ण पुनःस्थापन की जद्दोजहद को सिर्फ एक निदान के रूप में नहीं, बल्कि एक मानवीय अनुभव के रूप में दर्शाती है।
जो लोग इसे झेल चुके हैं, इलाज कर चुके हैं, या केवल समझना चाहते हैं—यह किताब उन्हें मन की कविता में एक झलक लेने का निमंत्रण देती है।
एक रेज़िडेंट मनोरोग विशेषज्ञ की नज़र से, यह किताब मानसिक बीमारी के अवास्तविक, दिल तोड़ देने वाले और विस्मयकारी क्षणों को समेटे हुए है।
हर कविता उन्माद (मैनिया), सिज़ोफ्रेनिया, नशे की लत, आत्मविमुखता और शांतिपूर्ण पुनःस्थापन की जद्दोजहद को सिर्फ एक निदान के रूप में नहीं, बल्कि एक मानवीय अनुभव के रूप में दर्शाती है।
जो लोग इसे झेल चुके हैं, इलाज कर चुके हैं, या केवल समझना चाहते हैं—यह किताब उन्हें मन की कविता में एक झलक लेने का निमंत्रण देती है।