
काश !
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हम अपने जीवनकाल में अपने आप को रोज एक नए द्वन्द के बीच पाते हैं। ऐसे समय में कभी अपनों की बातें, कभी पुरानी यादें, कभी दुनिया में चल रही रीत, एक झलक में हमारी आँखों के सामने आ जाते हैं। यही विचार हमारी निराशा और आशा दोनों के आधार हैं। ज़...
हम अपने जीवनकाल में अपने आप को रोज एक नए द्वन्द के बीच पाते हैं। ऐसे समय में कभी अपनों की बातें, कभी पुरानी यादें, कभी दुनिया में चल रही रीत, एक झलक में हमारी आँखों के सामने आ जाते हैं। यही विचार हमारी निराशा और आशा दोनों के आधार हैं। ज़िंदगी में कुछ भावनाओं को हम व्यक्त नहीं कर पाते, उन भावनाओं को सहजता से कविताओं के माध्यम से इस संग्रह में प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया गया है। यह कवयित्री का प्रथम काव्य संग्रह है। इसके माध्यम से उन्होंने अपने विचारों को एक दिशा प्रदान की है। उनके कविताओं में जीवन के अनेक पड़ावों पर चल रहे अंतर्मन के संघर्षों को चाहे वह खुद को लेके हो या परिवार, समाज या देश को लेके उन्हें उजागर करने का प्रयास किया है। यह पुस्तक हर उस इंसान के दिल की बात है जो संघर्ष कर रहा और उसकी कल्पना में एक काश है जो उसकी आशा है, एक काश जो उसकी उम्मीद है और उसका सुकून है।